पाक को गालियां देने वाला वीडियो हुआ वायरल, कमांडोज को देते हैं ट्रेनिंग
उड़ी हमले के बाद आपमें से कईयों ने एक शख्स के वायरल हुए उस वीडियो को जरूर देखा होगा जिसमें वो शख्स महिलाओं से माफ़ी मांगने के बाद पाकिस्तान की कायराना हमले की निंदा करते हुए भद्दी गालियां दे रहा है। इस वीडियो को अब तक तकरीबन 10 लाख लोग देख चुके हैं। दिलचस्प बात ये है कि शीफूजी को जब आप गूगल पर ढूंढते हैं तो आपको उनके नाम के साथ वर्ल्ड बेस्ट कमांडो ट्रेनर लिखा हुआ नजर आएगा।
भद्दी गालियों को तो कतई जायज नहीं ठहराया जा सकता, लेकिन आपको बता दें कि ये शख्स कोई मामूली देशभक्त भर नहीं, जो भावनाओं में बहकर बेहिसाब गालियां दे रहा है। दरअसल इस शख्स का पूरा नाम सरकारी दस्तबेजो में ग्रांडमास्टर शीफूजी शौर्य भारद्वाज है, जो जबलपुर से नाता रखते हैं। फिलहाल शीफूजी का ठिकाना मुंबई और पुणे में है। शीफूजी फिल्मों में अभिनय कर चुके हैं और इससे भी दिलचस्प बात ये है कि वो भारत के सबसे ख़तरनाक और विशिष्ठ एलीट स्पेशल फोर्सेज को वॉर फ़ेयर की ट्रेनिंग देते हैं। आगे पढ़िए कहां से सीखी शीफूजी ने घातक कलाएं और मार्शल आर्ट साथ ही पढ़िए किस-किस फोर्स को वो अब तक दे चुके ट्रेनिंग…
शीफूजी आप गाली क्यों देते हैं?शीफूजी बाकी सब बाद में, आप इतनी गालियां क्यों देते हैं? इस पर उनका जवाब था क्या आप लिख पाओगे ? ….और फिर शीफूजी ने बेधड़क गालियों की बौछार शुरू कर दी, थोड़ी देर बाद गुस्से से फूल चुके फेफड़ों में सांस भरते हुए शीफूजी कहते हैं- आप ही बताइए गाली न दूँ तो क्या मैं इनकी (पाकिस्तान) की पूजा करूं?।
दरअसल उड़ी हमले के बाद शीफूजी के यूटूब चैनल पर एक वीडियो पोस्ट किया गया था, जिसमें उन्होंने टोकरी भर-भर कर गालियां दी हैं। दिलचस्प ये है कि इस दौरान वो लगातार महिलाओं से माफ़ी भी मांगते नजर आ रहे हैं। इस पर उनका अपना मत है कि जो रेप कर रहे हैं और गाली नहीं दे रहे तो क्या वो बहुत महान हो गए। मैं महिलाओं का कितना सम्मान करता हूँ, इसके लिए मुझे किसी को प्रूफ देने की जरुरत नहीं मेरा मिशन प्रहार काफी है। साथ ही कहा आप मुझे कोई वर्ड बता दीजिए कि मैं उनके लिए क्या यूज़ करूं?
शीफूजी अनपढ़ हैं?शीफूजी आप कितने पढ़े-लिखें हैं? इसका जवाब उन्होंने हमें नहीं दिया और दरख्वास्त की कि उनकी पढाई-लिखी का जब जिक्र हो तब अनपढ़ लिखा जाए। वो कहते हैं इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, गद्दार तो पढ़े-लिखे भी बैठे हैं। मैंने युद्ध कला की पढाई की है ,युद्ध के नियम पढ़ें हैं, वही अभ्यास भी किए हैं और मैं मात्र बेसिक एजुकेशन पर भरोसा नहीं करता। मैंने जीवन को पढ़ना सीखा है।
क्या है शीफू?शीफू शब्द दरअसल चीन से ताल्लुक रखता है, जहां इसका मीनिंग होता है फादर फ़िगर, धर्मगुरु, स्किलफुल पर्सन या मास्टर। मार्शल आर्ट में भी शीफू शब्द का प्रयोग होता है, जिसके मायने हैं सम्मान। शीफूजी के पास एकाधिकार है शीफु और शीफूजी शब्दों का क्योंकि उनके पास सरकार की ओर से इन दोनो शब्दों का ट्रेड मार्क रजिस्टर है, भारत में उन्हें ग्रांडमास्टर शिफूजी के नाम से भी लोकप्रियता मिल रही है।
…फिर शिफूजी क्या है?शिफूजी बस सिंपल नाम है! ऐसा खुद शिफूजी ने कहा और फिर आगे वो कहते हैं…शिफूजी मेरा ट्रेडमार्क है और एक ब्रांड है। वो कहते हैं मैं भारत का इकलौता ऐसा शख्स हूँ जिसके आधार कार्ड पर अंकित है ग्रांडमास्टर। भारत में शिफूजी नाम यूज़ करने के लिए केवल मैं अधिकृत हूँ! मजेदार बात ये है कि शीफूजी का सिग्नेचर है इंकलाब ज़िन्दाबाद।
क्या शिफूजी कोई आर्मी पर्सन है?इसका जवाब शीफूजी साफ़-साफ़ नहीं देते! वो कहते हैं हर वो शख्स, हर वो बाप जो ईमानदारी से रोटी कमाता है और भारत का सम्मान करता है वो भारत का सिपाही है। शीफूजी जज्बे के मामले में किसी भी आर्मी पर्सन से इस मायने में बेस्ट हैं, क्योंकि वो डेड्लीयस्ट स्पेशल फोर्सेज और काउंटर टेरेरिस्ट ग्रुप के कमांडोज को न केवल एक्सट्रीम सर्वाइवल की ट्रेनिंग देते हैं, बल्कि वॉर फ़ेयर टेक्नीक्स की भी ट्रेनिंग देते हैं।
वो चीफ कमांडोज मेंटर और भारत के प्रथम व एक मात्र कमांडो ट्रेनर के तौर पर सेना और कई राज्यों की स्पेशल आर्म्ड फोर्सेज को ट्रेनिंग दे चुके हैं। 26/11 हमले के बाद मुंबई पुलिस ने जितने भी स्पेशल एक्शन ग्रुप्स, स्पेशल काउंटर टेररिस्ट इन्सर्जेन्सी ग्रुप्स और फर्स्ट रेस्पोंडर्स कमांडो फोर्सेज का गठन किया, उन्हें भी शिफूजी ट्रेंड कर चुके हैं। मध्यप्रदेश समेत कई अन्य राज्यों की स्पेशल आर्म्ड फोर्स को शीफूजी ने अलग-अलग टैक्टिक्स से दुश्मन से निपटने के गुर सिखाए हैं।
शीफूजी ने लीथल एलीट स्पेशल फोर्सेज (LESF), स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG), स्पेशल एक्शन ग्रुप (SAG), स्पेशलाइज्ड एलीट प्रोटेक्शन युनिट (SEG), नेशनल सिक्यूरिटी गार्ड्स (NSG), Z+ सिक्यरिटी महाराष्ट्र, स्पेशल प्रटेक्शन यूनिट (SPU), इंडियन नेवी मरीन कमांडों, हॉक कमांडो और ब्लैक कैट कमांडोज को बतौर चीफ कमांडोज मेंटर अपनी सेवाएं दी हैं उनका कहना है कि उन्होंने इस काम के कभी पैसे नहीं लिए।
शीफूजी की मदर मार्शल आर्ट क्या है?शीफूजी का कहना है कि उनके मुख्य गुरु उनके माता-पिता हैं। वो कहते हैं कि उनका मदर मार्शल आर्ट, अनुशासन पद्धति और भरोसा कुश्ती और अखाड़े पर है। विश्व की प्राचीनतम व सबसे ख़तरनाक कला भारतीय मार्शल आर्ट्स कलरीपयट्टू की शीफूजी ने 17 साल ट्रेनिंग ली है। वो बताते हैं कि इस घातक युद्ध कला की रचना महान योद्धा परशुराम जी ने की थी।
फिर शॉउलिन टेम्पल क्यों मशहूर है?शीफूजी ने कलरीपयट्टू सीखने के बाद मार्शल आर्ट के लिए मशहूर शॉउलिन टेम्पल जाकर भी सीखा, लेकिन इसको लेकर उनके विचार चौंकाने वाले हैं। वो शॉउलिन टेम्पल को दुकान बताते हैं। वो कहते हैं कि कलरीपयट्टू को शॉउलिन टेम्पल जैसी ब्रांडिंग नहीं मिली। शॉउलिन टेम्पल को वो fees के लिहाज से अमीरों की जगह बताते हैं। साथ ही कहा कलरीपयट्टू को हमने फिल्म बागी में भी दिखाया था। शीफूजी ने 67 देशों के स्पेशल फोर्सेज और आर्मी मिलिटेरी वॉरफेयर, क्लोज क्वॉर्टर बैटल सिस्टम्स की ट्रेनिंग पर भी रिसर्च की है ।
वॉर में कुंगफू-वुंगफू नहीं चलता!शीफूजी कहते हैं गली की लड़ाई में और वॉर की दुनिया में फर्क है। ब्लैक बैल्ट और कुंगफू-वूंगफू वॉर में नहीं चलता। जो फिल्मों में दिखाते है, वो नकली फाइट है। असली लड़ाई में दुश्मन पंचिंग पोजिशन में नहीं आता और न इन्स्ट्रक्शन पर राइट-लेफ्ट चलता है। वो अपने दिमाग से और पूरे ग़ुस्से से पागल की तरह लड़ता है। वहां रूल्स और रेफ़री के हम चैलेंज करते हैं। युद्ध में सिर्फ़ और सिर्फ़ जिगर और पकड़ काम आती है। किलिंग स्किल चलता है। सामने वाले के हथियार छीनों और चंद सेकेंड में उसे ढेर कर दो।
मिट्टी भी एक मार्शल आर्ट की फॉर्म है?शीफूजी कहते हैं- मैंने 67 देशों के कमांडोज की वॉर फॉर्म को करीब से देखा है और इसके बाद मैंने अपनी वॉर फॉर्म डेवलप की। आपको जानकार हैरानी होगी कि ग्रांडमास्टर शीफूजी ने इस फॉर्म को नाम दिया है मिट्टी! मिट्टी नाम रखने के पीछे वो अपने भारत प्रेम का ख़म ठोकते हुए कहते हैं कि इसे गोरा भी मिट्टी ही कहेगा! देश के कई लोग मार्शल आर्ट्स को भारत की देसी कलाओं से बेहतर बताते हैं, उन्हीं लोगों को जवाब देने के लिए मैंने अपनी वॉर फॉर्म का नाम मिट्टी रखा। शीफूजी कहते हैं कि मिट्टी दुनिया की सबसे नई, ख़तरनाक और प्रैक्टिकल कस्टमाइज्ड क्लोज क्वॉर्टर बैटल व कस्टमाइज्ड स्पेशल फोर्सेज सीसीक्यूबी और अर्बन वॉरफेयर फॉर्म है।कमांडोज के बीच ये बेहद लोकप्रिय है।
अभी क्या कर रहे हैं शीफूजी ?शीफूजी का कोई ठिकाना नहीं है! जी हाँ ऐसा वो खुद बताते हैं। दरअसल, शीफूजी अलग-अलग जगहों पर वर्कशॉप के जरिए युवाओं खासतौर पर महिलाओं को प्रोग्राम मिशन प्रहार के जरिए सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग देते हैं। वो दावा करते हैं कि लगभग 39 लाख बच्चियों को अब तक सरवाईवैल टैक्टिक्स और सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दे चुके हैं।
बकौल ग्रांडमास्टर शीफूजी फिलवक्त वो एलीट मार्कोस और एलीट स्पेशल फोर्सेज के कमांडोज को ट्रेनिंग देने में मशगूल हैं। तीन महीने के भीतर शीफूजी कर्नाटक और आँध्रप्रदेश में महिलाओं के लिए सेल्फ डिफेंस प्रोग्राम मिशन प्रहार करने जा रहे हैं। उनका कहना है कि ये अपने तरह की पहली विश्व की आज तक की सबसे बड़ी वर्कशॉप होगी कि इसे गिनीज बुक के लिए चैलेंज कर सकें। इसके अलावा शीफूजी भविष्य में 70 और 92 एकड़ क्षेत्रफल में 2 राज्यों में आर्मी स्कूल भी खोलने जा रहे हैं, जिसमें भारत के किसी भी विभाग के सिपाही के बच्चों को आजीवन फ़्री एजुकेशन भी दी जाएगी ।
भारत की कौन सी फोर्स शीफूजी को दमदार लगती है?शीफूजी इस सवाल को ही खारिज कर देते हैं! हाँ…और कहते हैं विश्व में इंडियन स्पेशल फोर्सेज सबसे ज्यादा दमदार हैं। वो भारत में किसी एक को कैसे चुन सकते हैं? भारत की स्पेशल फोर्सेज हवा, पानी और जमीन पर एक सामान ताकत से लड़ सकती है। वो कहते हैं वर्ल्ड की एकमात्र ये फौज ऐसी है जो साल के 365 दिन जम्मू – कश्मीर और अन्य कई फ़्रंट्स पर रोज युद्ध लड़ रही है।
वो आगे कहते हैं हमारी फोर्सेज दमदार ही नहीं बल्कि विश्व की सबसे शानदार हैं। शीफूजी आगे कहते हैं अमेरिका का सिपाही 12-15 लाख के गैजेट के साथ और तकनीक के दम पर लड़ता है और भारत का सिपाही केवल अपने देश प्रेम और जज्बे से। इससे बेहतर उदाहरण क्या होगा।
शिफूजी आर्मी को ट्रेनिंग देते हैं तो फिर बॉलीवुड से क्या नाता?शीफूजी को आपने टाइगर श्रॉफ और श्रद्धा कपूर अभिनीत फिल्म बागी में देखा होगा। इस फिल्म में शीफूजी का किरदार टाइगर श्रॉफ के टीचर के तौर पर था जो टाइगर को कलरीपयट्टू की ट्रेनिंग देते हैं ( असल ज़िंदगी में भी वो टाइगर श्रॉफ़ के गुरू हैं।)। इतना ही नहीं ग्रांडमास्टर शीफूजी बतौर चीफ एक्शन डिजाइनर और चीफ़ ऐक्शन कोरियोग्राफर कई बड़ी ऐक्शन फिल्मों में अपनी गाइडेन्स दे चुके हैं ।
क्या वो आगे भी फिल्मों में नजर आएंगे?इसपर वो कहते हैं कि फिलहाल वो बागी 2 के एक्शन डिजाइन तैयार कर रहे हैं। बकौल शीफूजी उनके पास तकरीबन 22 प्रोजेक्ट के लिए कॉल आए, लेकिन वो उसी प्रोजेक्ट से जुड़ना चाहते थे जिसके द्वारा वो भारत के सिपाहियों का सम्मान बढ़ा सकें या ऐसे किसी प्रोजेक्ट से जो युवाओं को कुछ अच्छा करने के लिए प्रेरित कर सकें। वो आगे जोड़ते हुए कहते हैं- न मैं किसी हीरो का फ़ैन हूँ और न किसी फ़िल्म का… बस भारत के क्रांतिकारियों का और उनके अलावा भारत के हर एक सिपाही का मैं फैन हूँ।